NOT KNOWN DETAILS ABOUT SHIV CHAISA

Not known Details About Shiv chaisa

Not known Details About Shiv chaisa

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एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥

योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। शारद नारद शीश नवावैं॥

Lord, once the ocean was churned along with the fatal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the earth from destruction. Your throat grew to become blue, So You happen to be often called Nilakantha.

त्रिपुरासुर सन युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥

सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥ Shiv chaisa भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

ॠनियां जो कोई हो अधिकारी। पाठ करे सो पावन हारी॥

शंकर हो संकट के नाशन। मंगल कारण विघ्न विनाशन॥

पुत्र होन कर इच्छा जोई। निश्चय शिव प्रसाद तेहि होई॥

दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर

नन्दि more info गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥

कीन्ही दया तहं करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

O Lord, the beloved daughter of Maina in your still left adds on your splendid visual appeal. O Wearer in the lion's skin, the trishul in Your hand destroys all enemies.

जय जय जय अनन्त अविनाशी। करत कृपा सब के घटवासी॥

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